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एग्जिट पोल के अनुसार भाजपा एवं सहयोगी दलों की बनेगी सरकार। असली परिणाम 4 जून को ।

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विभिन्न एजेंसियों द्वारा जारी एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनने वाली है और देश में तीसरी बार सरकार बनाती दिख रही है। 2024 चुनावों की शुरुआत में विपक्ष कमजोर नजर आ रहा था और एनडीए आसानी से बढ़त लेती हुई दिख रही थी पर चुनाव के गति पकड़ते ही ऐसा लगने लगा कि इंडिया गठबंधन शायद एनडीए से आगे निकल जाए। इंडिया गठबंधन के सभी नेता तेजस्वी यादव, राहुल गांधी, प्रियंका, मल्लिकार्जुन खड़गे, आप संयोजक अरविन्द केजरीवाल,व अजय राय जिस तरह से बयानबाजी कर रहे थे ऐसा लगता था कि देश की जनता इस बार सत्ता परिवर्तन के लिए वोट कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि इंडिया गठबंधन को 295 सीट आसानी से प्राप्त हो रही है और देश ने इंडिया गठबंधन की सरकार बनने जा रही है।लेकिन भाजपा के रणनीतिकारों ने ऐसा जादू चलाया कि भाजपा बड़े बहुमत के साथ एग्जिट पोल के रिजल्ट के अनुसार सरकार बना सकती है।

ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा को जो बहुमत मिलने जा रहा है उसका कारण मुख्य रूप से यह है कि देश के मतदाताओं ने भाजपा की सरकार बनाने के लिए संकल्प लिया और जाति, धर्म, सम्प्रदाय और क्षेत्र की परिधि से बाहर निकलकर भाजपा सरकार द्वारा किये गये विकास कार्यों पर सहमति की मुहर लगा दी। पीएम मोदी के व्यक्तित्व, नेतृत्व क्षमता और भाजपा की जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रभावित होकर जनता ने मतदान किया जिसके परिणामस्वरूप स्वरूप एग्जिट पोल में भाजपा और सहयोगी दलों को अभूतपूर्व बढ़त मिलती हुई दिख रही है।


जनता को सरकारी योजनाओं की सहायता दिये जाने का साफ असर इन अनुमानित परिणामो के रूप में नजर आ रहा है। कोरोना काल से लगभग 80 करोड़ जनसंख्या को प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज देने की योजना का प्रभाव हो, आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख तक की चिकित्सा सुविधा, करोड़ों बेघरों को प्रधानमंत्री आवास एवं शौचालय का लाभ, ग्राम पंचायत स्तर पर गांव-गांव में बनाये गए सामुदायिक शौचालय एवं पंचायत भवन एवं उसमे नियुक्त केयर टेकर तथा पंचायत सहायकों द्वारा आम जनता को मिली सुविधाओं से देश के बहुत बड़े वोट बैंक द्वारा भाजपा के पक्ष में मतदान किया गया। भाजपा सरकार द्वारा किए गए विकास की बात किया जाए तो देशव्यापी अभियान के अंतर्गत सडकें और हाईवे बनने से ट्रांसपोर्टेशन आसान हुआ है जिसकी वजह से किसानों को अपनी फसल एवं सब्जियां मंडी तक पहुंचाने में सहायता मिली है। जिन लोगों के जमीन हाईवे में गए हैं उनको बहुत ही अच्छा मुआवजा दिया गया है इससे लोगों का जीवन स्तर बदल गया है।

भाजपा को मिले समर्थन का एक बड़ा कारण राम मंदिर का निर्माण भी रहा है जिससे करोङों हिंदुओं की धार्मिक भावना जुड़ी हुई है, यह मामला पिछले कई सरकारों के दौरान सुलझ नहीं पाया था। विपक्ष का राम मंदिर के प्रति अनर्गल प्रलाप, बेतुके बयानों और प्राण प्रतिष्ठा में निमंत्रण के बावजूद न जाना भी मतदाताओं के भाजपा के पक्ष में लामबंद होने का एक मुख्य कारण माना जा रहा है। भाजपा की हिंदूत्ववादी छवि का लाभ उसे इन चुनाव में मिला क्योंकि विपक्ष अपने तुष्टिकरण की राजनीति को अभी तक छोड़ नहीं पाई है। इसके अलावा भाजपा के रणनीतिकारों ने विपक्ष की पार्टियों के अनेक नेताओं को भाजपा में शामिल कराकर विपक्ष को कमजोर करने का काम किया। चुनाव प्रचार अभियान के दौरान नरेंद्र मोदी,अमित शाह और योगी आदित्यनाथ ने ताबड़तोड़ रैलियां व जनसभाएं करके रिकार्ड बना डाला । नरेंद्र मोदी ने जहां चुनाव के दौरान 206 रेलियां और सभाएं की हैं वहीं अमित शाह ने 188,राजनाथ सिंह ने 101, जेपी नड्डा ने 134 तो सुबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 204 रैलियां की। इसके मुकाबले कांग्रेस की और से प्रियंका गांधी,राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कुल मिलाकर 315 रेलिया और सभाएं की। इस मामले में बिहार में तेजस्वी यादव ने 251 रैलियां करके से टॉप करने का काम किया है।

एग्जिट पोल तो एक अनुमान है है। वास्तविक परिणाम तो 4 जून देश के सामने आना बाकी है। किन्तु पिछले चुनावों में जारी किये गये एग्जिट पोल और उसकी तुलना वास्तविक परिणामों से की जाये तो एग्जिट पोल को पूर्णतः नकारा नही जा सकता। हाँ कुछ हद तक अनुमानित और वास्तविक सीटों की संख्या में अन्तर देखने को मिल सकता है। किसी भी एग्जिट पोल में इण्डिया गठबंधन को बढ़त मिलते हुए नही दिखाया गया है।

दिनेश कुमार मिश्र

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