प्रकृति और तकनीक के समन्वय से नवांकुरों का सर्वांगीण विकास : सद्गुरू सरनानन्द जी महाराज परमहंस
वाराणसी। स्वामी हरसेवानन्द पब्लिक स्कूल वाराणसी के दो दिवसीय वार्षिकोत्सव समारोह के प्रथम दिन विद्यालय की पIचों शाखाओं व महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने सामूहिक रूप से बनपुरयां शाखा के प्रांगण में प्रदर्शनी लगाकर विद्यालय को ऊँचाइयों के शिखर पर से जाने हेतु एक से बढ़कर एक मॉडल, कला व नई-नई तकनीकों को आधार बनाकर विभिन्न प्रकार के विद्युतीय एवं अविद्युतीय चलायमान मादलों के द्वारा अपने हुनर को प्रदर्शित कर तभी को अचम्भित कर दिया। मौका का था विद्यालय के नव निर्मित भवन के लोकार्पण का।

भवन के शिलापट्ट का अनावरण मुख्य अतिथि सन्तमत अनुयायी आश्रम मठ गढ़वाघाट के पीठाधीश्वर श्री श्री 108 श्री स्वामी सद्गुरू सरनानन्द जी महाराज परमहंस जी के कर कमलों द्वारा हुआ। मुख्य अतिथि ने विद्यार्थियों द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी को देखते हुए कहा कि हमारे देश के नवांकुरों में सृजनशीलता भरी पढ़ी है। आज के विद्यार्थी कल्पना शक्ति व नई-नई तकनीकों के माध्यम से अन्तर्मन में छिपी ऊर्जा-शक्ति को प्रवाहमान कर रहे है। प्रकृति और तकनीक के समन्वय से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास सम्भव है।
इस प्रदर्शनी के अन्तर्गत सरयू तट पर बसी त्रेता के रामलला जन्मभूमि अयोध्या से लेकर आधुनिक खता थौक तक की सारी खूबियों को उजागर किया। सामाजिक विज्ञान के अन्तर्गत सालशिला, ताजमहल, बौद्धस्तूप, साहित्य के अन्तर्गत कवियों, लेखकों, शब्दकोषों, भौतिकी, रसायन, जीव विज्ञान के अन्तर्गत सौर ऊर्जा, पारिस्थितिकी तंत्र प्रदूषण नियंत्रक यंत्र, आदि को तकनीकों के आधार पर प्रस्तुत कर दर्शकों को हतप्रभ कर दिया।

मुख्य अतिथि का स्वागत विद्यालय समूह के प्रबन्धक बाबा प्रकाशध्यानानन्द ने पुष्पगुच्छ से किया। कार्यक्रम में बाबा धर्मदर्शनानन्द, बाबा दिव्यदर्शनानन्द, बाबा सतज्ञानानन्द, बाबा हरिध्यानानन्द, बाबा चरनध्यानानन्द व अन्य अनुयायियों सहित सभी शाखाओं के प्रधानाचार्य/प्रधानाचार्या व प्राचार्य क्रमशः गढ़वाघाट के सी०एस० सिंह, जगतगंज की रचना अग्रवाल, चुर्ण के डॉ० ए के० धौबे, घोरावल के नीरज श्रीवास्तव व छात्रावास अधीक्षक ले० एमएस यादव (रि०), सहित सभी शिन्क्षकगण, अविनायक एवं विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया एवं प्रदर्शनी में नई-नई नकनीक देखकर मुक्त कंठ से विद्यार्थियों की सराहना किया। धन्यवाद ज्ञापन बनपुरवा के, प्रधानाधार्य डॉ ए०के चौबे ने दिया।