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कथावाचक मुरारी बापू का कृत्य न केवल धर्मविरुद्ध अपितु जन भावना के विरुद्ध

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सूतक काल गतात्मा के श्राद्ध का समय होता है

वाराणसी 16 जून 2025

पत्नी के निधन के तत्काल बाद सूतक अवस्था में भारत ही नहीं अपितु विश्व की राजधानी काशी जैसे पवित्र नगर में आकर भगवान श्री विश्वेश्वर विश्वनाथ जी का स्पर्शदर्शन व पूजन का कृत्य व उसके बाद पवित्र व्यास पीठ पर बैठकर भगवान श्री रामचंद्र जी की कथा का वाचन किए जाने की आज अखिल भारतीय मनीषी परिषद द्वारा घोर भर्त्सना की गई ।
अपने विचार व्यक्त करते हुए परिषद के पदाधिकारियों ने यह कहा कि पति – पत्नी के संबंधों के बीच सूतक काल 10 दिवस का होता है। सनातन धर्म के मान्य ग्रंथ धर्म सिंधु में कहा गया है कि “दाम्पत्योह पारस्परम देशांतरे कालांतरेपि पूर्व दशाहमेव “
मतलब यह है कि स्त्री पुरुष को भी परस्पर देशांतर और कालांतर में भी पूरा दशाह का पालन करना होता है ।
सनातन की लोक मान्यता में सूतक काल में जिस घर मे भगवान श्री विष्णु, भगवान श्री शंकर आदि देवों के पूजन होते हैं सूतक काल में उन्हें जल शयन दे दिया जाता है,और उस परिवार द्वारा पूजन कार्य को विराम दे दिया जाता है।इस प्रकार शास्त्र ने पूजन कार्य निषिद्ध किया है।
देवों के श्री विग्रह के स्पर्श की बात तो दूर देवालयों में प्रवेश भी वर्जित होता है। कहा गया है कि “यद्यपि शुद्धम् लोक विरुद्धम् न कथनीयम् न करणीयम्” कथावाचक मुरारी बापू द्वारा धर्मशास्त्र की घोर अवहेलना की गई है ,लोकनीति व लोक मान्यता की अवहेलना की गई है और कथावाचन के कार्य को जारी रखकर वह अवहेलना और उल्लंघन करते जा रहे हैं ।जहां भगवान श्री रामचंद्र जी की कथा हो रही हो,वहां हनुमानजी महाराज का आवाहन होता है और वह श्री राम कथा के सर्वप्रथम श्रोता के रूप में वहां उपस्थित होते हैं।
सूतक और श्राद्ध इन दोनों का अनिवार्य पारस्परिक संबंध होता है, सूतक काल गतात्मा के श्राद्ध का समय होता है। सूतक से ग्रस्त व्यक्ति द्वारा श्राद्ध कर्म न करके हनुमान जी के समक्ष कथावाचन करना और प्रसाद इत्यादि वितरण घोर निंदनीय है। इनका यह कृत्य “नहिं कोउ अस जन्मा जग माही,प्रभुता पाइ जाहि मद नाहीं” का द्योतक है। ऐसी स्थिति में अखिल भारतीय मनीषी परिषद की बैठक में उपस्थित सभी लोगों का यह स्पष्ट मत रहा और अपेक्षा की गई कि काशी की पवित्र भूमि पर उन्हें कथा वाचन के कार्य को तत्काल बंद कर देना चाहिए ।
बैठक में अखिल भारतीय मनीषी परिषद के अध्यक्ष डॉ विद्यासागर पाण्डेय ,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शशि प्रकाश मिश्रा ,राष्ट्रीय महासचिव दिवाकर द्विवेदी ,महानगर अध्यक्ष नीरज चौबे सहित गायक कलाकार अरुण मिश्रा गुंजन, अंबरीश उपाध्याय, डॉ अभय मिश्रा, देवेन्द्र उपाध्याय एवं प्रभात मिश्रा आदि उपस्थित रहे।

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